अहीर रेजिमेंट स्वाभिमान की लड़ाई है यदुवंश की ।
नाकि आरक्षण की
जय यदुवंश ।
एक वक्त वो था जब सबसे बड़ी #जातिगत सेना हमारी थी ,
और उस सेना से बड़ी आज इस युग में कोई सेना हो ही नही सकती ।
कुछ लोगों को जब #रेजिमेंट क्या है बताया जाये तो वो ये कह देते हैं कि आरक्षण है , आरक्षण जाति के लोंगो को व्यवसाय देने का उनको काम धंदा देने के लिए लड़ाई , अगर छोटी बुद्धही और खान दान न हो या जिस जाती का इस धरती के लिए जान का बलिदान कभी गया न हो सायद वही लोग यह बात करते हैं गौवरव और शौर्य जैसे शब्द बुस्दिलों के कुल को नही मिलते ।
सायद इसीलिए वह लोग इस #स्वाभिमान की लड़ाई को इतना छोटा बोल देते हैं ।
#भारत में अनुमानित अभी 26 करोड़ यादव हैं ।
और एक रेजिमेंट में 25,000 सैनिक होते हैं तो अब आप बोलॉगे की इतने छोटे #आरक्षण के लिए लड़ क्यों रहे हो ?
मैंने कहा था न जिसके कुल का इतिहास न पता हो या रहा ही न रहा हो वह #स्वाभिमान जैसा शब्द सिर्फ खुद से जोड़ के देखता है।
मैं ज्यादा दूर नही सिर्फ आज के 300 सालों का शौर्य आपके सामने रखता हूँ । क्योंकि इतिहास के पन्ने खत्म हो जाएंगे पर यदुवंश का शौर्य नही ।
अहीर सैनिकों के द्वारा लड़े गये ऐतिहासिक युद्धों की सूची –
#प्रथम विश्व-युद्ध ---पूर्वी अफ्रीका, मेसोपोटामिया, काला सागर
#द्वितीय विश्व-युद्ध –बर्मा, कलादान, कोहिमा सिंगापुर
#यदुवंश की #शमशीरों की कुछ रण गाथाएं
1.#पितामह श्रीकृष्ण जी की यदुवंशी नारायणी सेना का 17 बार जरासन्ध से मुकाबला
2. महाभारत में यदुवंशी #नारायणी सेना
3. तैमुर के खिलाफ हरिद्वार और दिल्ली दरवाजे पर राव जगराम सिंह जी ,राव दुर्जनसाल जी और उनके साथियों का युद्ध
4. नादिरशाह के खिलाफ “शेर का बच्चा शमशेरबहादुर” राव बालकिशन जी और उनके 5 हजार रणबांकुरे यादवों का युद्ध
5. राव मित्रसेन जी की सरदारी में अहीरवाल की फौज का माँढण का युद्ध
6. 1857 में नसीबपुर में 5 हजार रण-बँके यदुवीरों का अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा राव गोपाल देव और तुलाराम कमांडिंग ऑफीसर्स
7. 1962 में रेजांगला ,विजय या वीरगति वाले “शूरवीरों में अति शूरवीर : वीर अहीर” – अहीरों का Thermopylae
8. 1965 में हाजी-पीर पर वीर अहीर
9. 1971 जैसलमेर के मोर्चे पर दिन-दहाड़े खुले में 13 कुमाँऊ के रणवीर अहीरों का पाकिस्तानी फौज पर हमला
10.1984 ऑपरेशन मेघदूत –सियाचिन का मोर्चा
11.1987 श्रीलंका
12. 1999 कारगिल परमवीर योगेन्द्र सिंह जी -- टाइगर हिल पर घातक-दस्ता यदुवीरों का
13. 2001 संसद भवन हमला
14. #अक्षरधाम हमला
15. 26/11 मुंबई हमला
16. सर्जिकल स्ट्राइक को लीड करने वाला अहीर रणबांकुरा
ये उन युड्ढों की सूची है जो अपने लिए नही इस धरती भारत माँ के लिए लड़ा है इन अहीरों ने ।
सिंहनी के जाये शेर अहीर I
रणबांके हैं वीर अहीर II
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II शूरवीरों में अति शूरवीर अहीर II
हम 25000 जवान सिर्फ अहीर तो होंगे नही उसमे और भी जातियां आएँगी लेकिन लोग यह समझते हैं कि सारी यादव जाती का बहुत बड़ारेसेर्वेशन है जिस से वह पावर में आजाएंगे , और कुछ हमारे अपने भाई फिर इस बात पे सपोर्ट नही करते की ये जातिवाद है ।
#जाट गुर्जर और भाटी ये यदुवंन्श के कुलों से बने हैं जिनको कभी इसके विरुद्ध नही होना चाहिए ।
सारे हिंदुस्तान के भाई ये समझले की रेजिमेंट हम सिर्फ स्वाभिमान के लिए बनाना चाहते हैं । जिससे पूरा यदुवंश सहमत हो ।
26 करोड़ को 25000 से क्या फायदा और क्या नुक्सान ।
हाँ थोड़ा फायदा किसानों के बच्चों को हो सकता है जिनकी रोजी रोटी चल सकेगी क्योंकि सीमा पर दिलेर जाता है किसान का बेटा जाता है इसमें किसी दूसरी कौम को क्या परेसानी है ये तो मैं निहि जानता लेकिन हां अगर ये देश लोक तांत्रिक है तो इसी कारण हम मांग कर रहे हैं हमारे हक़ के लिए हमारे साथ सारा देश खड़ा हो यह हम चाहते हैं।
जिस बातों को #पुराण से वेद और #गीता जोर दे दे कर जिस कुल की महिमा मंडन कर रहे हैं क्या उस कुल की इतनी भी इज्जत नही देगा ये आजाद हिंद का साम्राज्य , हिन्दुवों के राज में आज इस कुल को इतना नीचा कौन कर रहा है क्या उन्हें यदुवंश के पवित्र और महान होने पर सक है तो वह हिन्दू के ठेकेदार पार्टी आज इस कौम के मान के लिए क्यों मौन है ?
सोचिये समझिये क्या यह सच में हिन्दू की पार्टी है अगर है तब अगली 26 जनवरी की परेड यदुवंश के शौर्य के साथ होगी ।
अगर नही होगी तब ये यदुवंश किस कारण उन्हें वोट दे क्या इस कारण की वह हमारी जाति के प्रतिनिधि को उस जगह से खड़ा कर देते हैं इसलिए? और वो प्रतिनिधि सिर्फ दब के रहता है पार्टी हितों के लिए । ये सिर्फ यदुवंश बाकी नही सारे वेद पुराण और हिन्दुवों की रीढ़ की हड्डी है यदुवंश का पतन इस देश का पतन है ।
हिंदुत्व और भारत की असली #संस्कृति का पतन है ।
सोचिये, विचार कीजिये ।
जय महिस्मती जय बाहु ।
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