++++आज़ाद भारत में India gate पर सबसे पहले तिरंगा फ़हराने वाले (वाइसराय लार्ड माउंटबेटन के ADC) ब्रिगेडियर हुकुम सिंह यादव++++
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के एक यदुवंशी अहीर ज़मींदार परिवार में जन्में हुकुम सिंह यादव उर्फ़ चौधरी हुकुम सिंह यादव भारत के अंतिम अँगरेज़ वाइसराय लार्ड माउंटबेटन के ADC थे और सबसे पहले तिरंगा भी उन ने ही फ़हराया था आज़ाद भारत में i
1935 में हुकुम सिंह यादव पड़ाई पूरी करने के लिए मसूरी के जाने माने स्कूल Woodstock School आ गए।
इसके बाद हुकुम सिंह यादव Indian Artillery के Royal Regiment mein posted हुए।
अपने मेहनत, ईमानदारी के कारण चौधरी हुकुम सिंह यादव मात्र 20 वर्ष की आयु में Captain की रैंक हासिल करली।
और 1942 में पहले भारतीय बने जिन्हें as an instructor appoint किया गया था Gunnery में।
आखिरकार वो दिन आगया। 15 अगस्त का वो दिन था और भारत गुलामी की ज़ंजीरें तोड़ जश्न-ए-आज़ादी मना रहा था।
India gate पर लाखों की तादाद में पहूँचे आज़ादी का उत्सव मनाने को।
इसी बीच वाइसराय लार्ड माउंटबेटन को झंडा फहराना था। पर वाइसराय लार्ड माउंटबेटन ने इसका सम्मान ब्रिगेडियर हुकुम सिंह यादव को दिया।
भारतीय सेना में ब्रिगेडियर हुकुम सिंह यादव सबसे सम्मानित अफ़सरों में से एक है तथा इन्हें इनके अतुलनीय योगदान, बहादुरी के लिए जाना जाता है।
सन् 1947 में ब्रिगेडियर चौधरी हुकुम सिंह यादव ने British Lady Ann Connorton से धूमधाम से विवाह किया।
चौधरी साहब और Lady Ann Connorton की प्रेमकथा बड़ी ही रोचक थी।
एसा कहा जाता है कि Lady Ann Connorton वाइसराय लार्ड माउंटबेटन के ही स्टाफ़ में अफ़सर थीं।
Lady Ann Connorton, चौधरी हुकुम सिंह यादव के तीखे नयन-नक्श, गोरा रंग, बुलंद आवाज़ और सरल स्वभाव से बहुत प्रभावित थी और 1947 में धूमधाम और हिन्दू रिती रिवा़जों के साथ चौधरी साहब और Lady Ann Connorton का विवाह हो गया। चौधरी साहब की एक पुत्री Lady Maya Singh Yadav Woodstock School में शिक्षिका हैं।
ब्रिगेडियर हुकुम सिंह ने अपनी पूरी उम्र भारतीय सेना में निष्ठा और ईमानदारी से गुज़ार दी।
सन् 1968 में हुकुम सिंह यादव ने रिटायरमेंट ले लिया लेकिन रिटायरमेंट के बाद भी वे समाजसेवा से जुड़े रहे।
हुकुम सिंह यादव एक अच्छे writer भी रहे हैं और कई प्रसिद्ध Novels इनहोंने लिखे जैसे 'Against the Rising Sun' , 'British lions and Indian Tigers' etc.
चौधरी साहब ने वन रैंक वन पैंशन, विदवा पैंशन सहित आदि कई कल्याणकारी schemes के लिए आवाज़ बुलंद की थी और इससे कई लाख Millitary के और Civil Pensioners को फायदा पहूँचा था।
वर्ष 2005 में ब्रिगेडियर हुकुम सिंह यादव का स्वर्गवास हो गया।
भारतवर्ष के इन शूरवीर योद्धा को एक सलाम।
***वीर अहीर अजीत है अभीत है***
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॥ जय यदुवंशी ||
II पराक्रमो विजयते ॥
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