Gopal (Gwalwanshi) Dynasty, Nepal
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नेपाल के " गोपाल" राजवंश का इतिहास महाभारत काल से शुरू होता है।
(यहाँ गोपाल का अर्थ गौ+पाल/ गौ+वाले से बना है ग्वाल राजवंश )
महाभारत काल में द्वारिकाधीश भगवान कृष्ण ने नेपाल के लोगों को वहाँ के दुष्ट असुर दानासुर के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए नारायणी सेना के संग नेपाल पर चढाई करी।
दुष्ट दानासुर की सेना को परास्त कर भगवान कृष्ण ने नेपाल में यदुवंशियों का राज्य स्थापित किया।
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इतिहासकारों के अनुसार "नेपाल" शब्द का अर्थ है गौ+रक्षक।
Historians का मत है कि-
जब आर्य यदुवंशी अभीरों ने भगवान कृष्ण के नेतृत्व में नेपाल को जीत कर यहाँ शासन स्थापित किया संभवतः तभी इस देश का नाम "नेपाल" पड़ गया होगा।
******
नेपाल पे यदुवंशी अभीरों ने लगभग 1500 वर्षों तक अपना साम्राज्य स्थापित रखा एवं "महाराजा" और "गुप्त" की पदवी भी धारण करी।
इतिहासकारों का ये भी मत है कि भारत के प्रसिद्ध "Gupt Empire" के शासक मूलतः नेपाल के गोपाल राजवंश के अभीर शासकों के वंशज थे।
नेपाल में गोपाल वंश के प्रथम शासक यदुपति महाराजा भक्तमान अभीर थे।
यदुपति महाराजा भक्तमान ने काठमांडू की घाटियों में अपनी भव्य और विराट राजधानी बनाई थी।
महाराजा भक्तामन ने 'गुप्त'(गोप) की भी उपाधि ग्रहण कर ली थी तथा 88 वर्ष तक राज किया।
इनके बाद के सभी राजाओं ने अपने नामों के साथ 'गुप्त' उपाधि जोड़ी थी एवं तथा 8 पीढ़ियों तक इस वंश ने "गुप्त" की उपाधि धारण कर शासन किया।।
आगे चलकर गोपाल वंश में महाराजा जयमती सिंह अहीर का जन्म हुआ जो सबसे सफ़ल शासक हुए।
स्वामी प्रपणाचार्य के अनुसार -
"गोपालवंश के आखिरी शासक महाराजा भुवन सिंह अहीर थे"।
>>जय द्वारिकाधीस की जय बोलो अहीरीस की <<
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नेपाल के " गोपाल" राजवंश का इतिहास महाभारत काल से शुरू होता है।
(यहाँ गोपाल का अर्थ गौ+पाल/ गौ+वाले से बना है ग्वाल राजवंश )
महाभारत काल में द्वारिकाधीश भगवान कृष्ण ने नेपाल के लोगों को वहाँ के दुष्ट असुर दानासुर के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए नारायणी सेना के संग नेपाल पर चढाई करी।
दुष्ट दानासुर की सेना को परास्त कर भगवान कृष्ण ने नेपाल में यदुवंशियों का राज्य स्थापित किया।
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इतिहासकारों के अनुसार "नेपाल" शब्द का अर्थ है गौ+रक्षक।
Historians का मत है कि-
जब आर्य यदुवंशी अभीरों ने भगवान कृष्ण के नेतृत्व में नेपाल को जीत कर यहाँ शासन स्थापित किया संभवतः तभी इस देश का नाम "नेपाल" पड़ गया होगा।
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नेपाल पे यदुवंशी अभीरों ने लगभग 1500 वर्षों तक अपना साम्राज्य स्थापित रखा एवं "महाराजा" और "गुप्त" की पदवी भी धारण करी।
इतिहासकारों का ये भी मत है कि भारत के प्रसिद्ध "Gupt Empire" के शासक मूलतः नेपाल के गोपाल राजवंश के अभीर शासकों के वंशज थे।
नेपाल में गोपाल वंश के प्रथम शासक यदुपति महाराजा भक्तमान अभीर थे।
यदुपति महाराजा भक्तमान ने काठमांडू की घाटियों में अपनी भव्य और विराट राजधानी बनाई थी।
महाराजा भक्तामन ने 'गुप्त'(गोप) की भी उपाधि ग्रहण कर ली थी तथा 88 वर्ष तक राज किया।
इनके बाद के सभी राजाओं ने अपने नामों के साथ 'गुप्त' उपाधि जोड़ी थी एवं तथा 8 पीढ़ियों तक इस वंश ने "गुप्त" की उपाधि धारण कर शासन किया।।
आगे चलकर गोपाल वंश में महाराजा जयमती सिंह अहीर का जन्म हुआ जो सबसे सफ़ल शासक हुए।
स्वामी प्रपणाचार्य के अनुसार -
"गोपालवंश के आखिरी शासक महाराजा भुवन सिंह अहीर थे"।
>>जय द्वारिकाधीस की जय बोलो अहीरीस की <<
Hmm yeh bahut purna Nepal ka yadav rajvansh jo ki gwalwanshi yadav the jai Shri Krishna jai hind
ReplyDeleteYadav me koi gwalvanshi nahi hota hai
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